NEET विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में चौथी याचिका दाखिल की गई है। इसमें 20 स्टूडेंट्स ने अपनी मांग रखी है कि इस परीक्षा को रद्द कर दिया जाए और उसकी जांच सीबीआई या किसी दूसरी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में आया है और वह अब इस मुद्दे पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में है।
इस विवाद के पीछे की कहानी १५ जुलाई को शुरू हुई, जब NEET (National Eligibility cum Entrance Test) की परीक्षा आयोजित हुई। इस परीक्षा में देश भर के लाखों छात्रों ने हिस्सा लिया था। लेकिन, कुछ छात्रों के अनुसार, परीक्षा में त्रुटियों की वजह से उनके अधिकारों का हनन हुआ है। इसी कारण वे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने का फैसला किया है।
यह विवाद चरम पर पहुंच गया है और अब छात्रों ने यह मांग रखी है कि परीक्षा को रद्द कर दिया जाए और सीबीआई या किसी दूसरी स्वतंत्र एजेंसी के द्वारा इसकी जांच की जाए। छात्रों का यह दावा है कि परीक्षा में त्रुटियां होने के कारण उनके अधिकारों का हनन हुआ है और ऐसे मामलों की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी के द्वारा कराई जानी चाहिए।
इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही उसका निर्णय सुनाया जाएगा। इसके बाद ही पता चलेगा कि क्या परीक्षा रद्द होगी और उसकी जांच सीबीआई या किसी दूसरी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाएगी या नहीं। इस मामले में छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा और इस परीक्षा की निष्पक्षता का मसौदा है। अब बात यहाँ तक पहुंच चुकी है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और निर्णय के इंतजार में है। छात्रों ने अपनी मांग को गंभीरता से रखा है और उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद है। आगे क्या होगा, यह सब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर निर्भर करेगा।