प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (REL) की कार्यकारी अध्यक्ष रश्मि सलूजा ( Rashmi saluja ) और कंपनी के दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ 2023 में दर्ज एक मामले में FIR दर्ज की है। यह मामला डाबर समूह के बर्मन परिवार के खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों से संबंधित है। REL के मुख्य वित्तीय अधिकारी नितिन अग्रवाल, जनरल काउंसल निशांत सिंघल, और शेयरधारक वैभव जालिंदर गवली के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत FIR दर्ज की गई है।
यह मामला उस समय शुरू हुआ जब सितंबर 2023 में बर्मन परिवार की चार कंपनियों ने रिलिगेयर एंटरप्राइजेज में 5.27 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदी, जिससे उनके पास पहले से मौजूद 21.54 प्रतिशत हिस्सेदारी बढ़कर 26 प्रतिशत हो गई। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के नियमों के अनुसार, किसी सूचीबद्ध कंपनी में 25 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी खरीदने पर अनिवार्य रूप से ओपन ऑफर की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
बर्मन परिवार ने रिलिगेयर एंटरप्राइजेज में और 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का ओपन ऑफर दिया, ताकि उनकी हिस्सेदारी और मजबूत हो सके। लेकिन रिलिगेयर के निदेशक मंडल ने SEBI को एक पत्र लिखकर इस ओपन ऑफर का विरोध किया और बर्मन परिवार को ‘फिट एंड प्रॉपर’ नहीं बताया। रिलिगेयर ने 18 पत्र भेजकर इस अधिग्रहण का विरोध किया और SEBI से इस पर कार्रवाई की मांग की।
रिलिगेयर एंटरप्राइजेज की चार प्रमुख व्यावसायिक शाखाएं हैं—रिलिगेयर फिनवेस्ट और रिलिगेयर हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प (NBFCs), केयर हेल्थ इंश्योरेंस (स्वास्थ्य बीमा) और रिलिगेयर ब्रोकिंग (खुदरा स्टॉक दलाली)। इन सभी शाखाओं का संचालन रिलिगेयर समूह करता है और यह सभी प्रमुख भारतीय शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हैं।
SEBI ने रिलिगेयर को अनुमोदन प्रक्रियाएं पूरी करने के लिए 12 जुलाई 2024 की अंतिम समयसीमा दी, लेकिन रिलिगेयर प्रबंधन ने SEBI के इस आदेश को सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) में चुनौती दी। SAT ने SEBI के आदेश को बरकरार रखा और रिलिगेयर को 22 जुलाई 2024 तक प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया ।